Thursday, 17 August 2017

google का कहना है कि आप टाइप कम करें और बोलें ज़्यादा


गूगल इस कोशिश में है कि लोग अपने मेसेज और सर्च टाइप ना करें बल्कि वॉइस कमांड्स से लिखें। कम्पनी का कहना है कि उसने वॉइस टाइपिंग को 119 भाषाओं के लिए विस्तार दिया है ताकि 1 अरब से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें। गूगल का मानना है कि टाइपिंक के बजाय वॉइस कमांड देने से यूजर्स का वक्त बचेगा।




हालांकि, कई यूजर अब भी सार्वजनिक रूप से वॉइस सर्च ट्राई करने में शर्माते हैं। पीछे से आ रही आवाजों की वजह से कई बार यह फीचर ढंग से काम नहीं करता। जिसके चलते या तो यूजरों को चिल्लाना पड़ता है या टाइप ही करना पड़ता है।

गूगल के टेक्निकल प्रोग्राम मैनेजर ऑफ स्पीच दान वान एश ने समझाया कि कैसे कम्पनी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल अलग-अलग भाषाएं समझने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा, 30 नई लैंग्वेज वेरायटी को समधने के लिए हमने स्थानीय लोगों के स्पीच सैम्पल लिए हैं। इससे हमारे मशीन लर्निंग मॉडल्स को नई भाषाओं की आवाजें और शब्द समझने में मदद मिली है और भाषा के मामले में उनकी ऐक्युरेसी बढ़ी है।श् उन्होंने यह भी कहा कि ईमोजी का नाम लेकर ईमोजी बनाना भी संभव है।

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